बीते हफ्तों में काफी कुछ ऐसा गुजरा है जो आने वाले वक्त में हर किस्म के मीडिया का चेहरा बदल सकता है। ये खुद की गलतियों से सीखने का समय है। अगर एक चैनल को एक महीने के लिए बंद करना सही है तो एक लड़की की मौत से भी कई सच्चाईयां सामने आई हैं। देखना है कि आने वाले समय में कितना सीखता है मीडिया। बहरहाल बीते हफ्तों में कई ब्लागरों ने मीडिया पर काफी कुछ लिखा। कुछ चिट्ठे।
मीडिया से जुड़े लोगों से विन्रम निवेदन
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मीडियायुग
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