Tuesday, December 12, 2006

हफ्ता गुजरा टीवी पर (1-10दिसम्बर)

अदालत के अदब से हम यहां तशरीफ लाएं है। सिद्धू टीवी पर बोलते है। तीन साल की सजा के बाद भी मंच से दहाड़ते है। पीड़ित परिवार तक ये आवाजें नही जाती। वो तो याद करता है वो दिन जब घर में एक तस्वीर पर माला चढ़ गई। इसे सिद्धूईज्म कहे या बड़बोलापन कि वे जहां तहां तो बोलते रहते है। पर उस परिवार से दो शब्द न कह पाए। टीवी ने मुजरिम को रोजाना की तरह पेश किया। शिबू भले ही मुजरिम की तरह पेश आए। उनके गांव निमरा, झारखण्ड में वे देवता हो, मंहगी गाड़ियो से घूमते हो, पर अब तिहाड़ का एक कमरा उनके लिए रिजर्व है। टीवी पर हर कोई है। शाहरूख से लेकर मुशरर्फ तक। दोनो नएपन की बात करते है। एक नए कलेवर में केबीसी तो दूसरे नए तेवर में कश्मीर का भविष्य बदलना चाहते है। भविष्य तो संजय दत्त का दाव पर लगा है। टीवी पर उनका अपील चलाई जाती है। वे कही खुद बोलते है तो कही ग्राफिक्स पर छपते है। छपते छपते ये खबर आ गई कि प्रिटी जिंटा की अंतरंगता देख लीजिए। देखा। वो दहाड़ने लगी। एक करोड देंगी। चलिए कोई लेने वाला अगे नहीं आया। आगे तो हक लेने वाले लखनऊ में आए। चुनाव का हक। तमाशा खड़ा कर दिया। वीसी निशाने पर। चुनाव करवाइए, वरना...। भारत खैर परमाणु दोस्ती के लिए चुन लिया गया। अमेरिका द्वारा। अमेरिका से ही एक भारतीय ने उड़ान भरी। स्पेस की। सुनीता की इस उड़ान की खबरें अच्छी लगी। पर स्पेस में मार्स ने भी टीवी पर खुद को रहस्यमय बताया। मंगल पर जल है। पानी है। और टीवी पर बेढंगे, तरह तरह की मायावी तस्वीरे नुमायां हुई। खेल की भी तस्वीरे भी खूब दिखी। दोहा एशियाई खेलों की। भारत छठे सातवें पायदान पर रहा। पर जोश दिखा। जोश ही बढ़ा रहा है टीवी। देखते रहिए।

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